भारत भारती मार्गभारत भारती योग, लय मार्ग, जीव का लय, भारत भारती लय मार्ग, वेदांत मार्ग, पिण्ड ब्रह्माण्ड योग, ब्रह्माण्ड ही पिण्ड, पिण्ड ही ब्रह्माण्ड, सगुण साकार, सगुण साकार ब्रह्म, सगुण निराकार, सगुण निराकार ब्रह्म, ब्रह्म ही ब्रह्म रचना, ब्रह्म रचना ही ब्रह्म, ब्रह्म ही ब्रह्माण्ड, ब्रह्माण्ड ही ब्रह्म, सिद्ध शरीर, सिद्ध लोक, देव शरीर, देवलोक, मुमुक्षुता, मुमुक्षु
भारत भारती मार्गसूर्य देव, सूर्य, सिंदूरी लाल शरीर, सूर्य शरीर, तैजस शरीर, सूर्य लोक, तैजस लोक, सूर्य देवता, सूर्य लोक के जीव, सूर्य सिद्धि, सूर्य लोक में लय, सूर्य देवता का स्वरूप, गुरु शिष्य परंपरा की महिमा, गुरुदक्षिणा का अखण्ड सनातन स्वरूप
भारत भारती मार्गअव्यक्त प्रकृति, अव्यक्त प्राण, माया शक्ति, महामाया, शारदा सरस्वती, शारदा विद्या, शारदा विद्या सरस्वती, शारदा सरस्वती विद्या, गुलाबी शरीर, माया सिद्ध शरीर, महामाया सिद्ध शरीर, काम लोक, कामसूत्र, माया सिद्धि, महामाया सिद्धि, अव्यक्त सिद्धि, अव्यक्त शरीर, गुलाबी लक्ष्मी, महामाया लोक, माया लोक, शारदा सिद्धि, शारदा सिद्ध शरीर, शारदा ही ब्रह्म, तुसित लोक
भारत भारती मार्गब्रह्मलोक, सत्य लोक, विशुद्ध सत्, सद्योजात सदाशिव, सदाशिव का सद्योजात मुख, वज्र लोक, इक्कीस शून्य, चतुर्मुखा ब्रह्मा, प्रजापति, ब्रह्मा सरस्वती, परा प्रकृति, अदि शक्ति, नवम आकाश, वज्रमणि शरीर, वज्र शरीर, सनतकुमार ब्रह्मा, बाका ब्रह्मा, सहमपति ब्रह्मा, महाब्रह्मा, पुरुषार्थ चतुष्टय, चार बुद्ध, सर्वसम स्वरूप स्थिति, पुरुषार्थातीत, आश्रमातीत
भारत भारती मार्गबोधिचित्त, निर्वाण, आपो ज्योति, बुद्धि और चित्त का योग, बोधमय चित्त, चित्तमय बोध, योग सुमेरु, योग मेरु, योग शिखर, मेरु योग, मेरु पर्वत, सुमेरु पर्वत, मेरु शिखर, अंतर्लक्ष्य, नित्य वैकुंठ, सत्य कैलाश, चिन्मय नेत्र, आत्मस्थिति, त्रिगुणातीत, सर्वसाक्षी, अंतरसाक्ष्य, अंतरसाक्षी, वृतिहीन दशा
भारत भारती मार्गमहाकाल महाकाली योग, महाकाली महाकाल योग, महाकालेश्वर, महाकालेश्वर महादेव, माँ महाकाली, काली काल योग, माँ काली, जीव जगत कालगर्भित है, काल ही गर्भ है, महाकाल सिद्धि, महाकाली सिद्धि, तंत्र का शिखर, योगतंत्र का शिखर, सनातन ब्रह्म, शून्य अनंत स्वरूप स्थिति, अनंत शून्य स्वरूप स्थिति
भारत भारती मार्गशिवलोक, शिव शक्ति लोक, अर्द्धनारी लोक, अर्द्धनारीश्वर लोक, अर्धनारी लोक, अर्धनारीश्वर लोक, सगुण निराकार आत्मा, विष्णु लोक, गौरीशंकर लोक, उमा महेश्वर लोक, उमाशंकर लोक, गुरु लोक, गुरु स्थान, गुरुमाई लोक, गुरु स्थानम्, आदिनाथ लोक, आदिनाथ, सगुण निराकार ब्रह्म, जीव जगत की गुरु गद्दी
भारत भारती मार्गवैकुण्ठ लोक, सदाशिव का वामदेव मुख, सदाशिव वामदेव, वामदेव सदाशिव, शमशान काली, माँ धूमावती, आंतरिक महाशमशान, आंतरिक शमशान, धूमावती सिद्ध शरीर, सदाशिव वामदेव सिद्ध शरीर, धूम्र वर्ण का सिद्ध शरीर, धूम्र सिद्ध शरीर, श्मशान काली सिद्धि, धूमावती सिद्धि, वामदेव सदाशिव सिद्धि, मोक्ष दायिनी सिद्धि, बैकुंठ, ब्रह्माण्डीय यज्ञकुण्ड
भारत भारती मार्गस्वरूप स्थिति, रौद्री रुद्र योग, रुद्र रौद्री योग, सगुण स्वरूप स्थिति, स्वरूप स्थिति की परिभाषा, स्वरूप स्थिति के प्रकार, स्वरूप स्थिति के प्रभेद, ब्रह्माण्ड शरीर, विश्वरूप शरीर, ब्रह्माण्ड स्वरूप स्थिति, ब्रह्म रचना शरीर, ब्रह्म रचना स्वरूप स्थिति, ब्रह्माण्ड सिद्धि, विश्वरूप सिद्धि, ब्रह्माण्ड सिद्ध शरीर, ब्रह्म रचना सिद्धि, निर्गुण स्वरूप स्थिति, पूर्ण ब्रह्म स्वरूप स्थिति
भारत भारती मार्गपञ्चमुखी सदाशिव, पञ्चमुखा सदाशिव, सदाशिव के पांच मुख, भगवान् पशुपतिनाथ, गुरु विश्वकर्मा, विराट परब्रह्म, विराट परब्रह्म सदाशिव, आदि पराशक्ति, इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति, चित्त शक्ति, पराशक्ति, नवग्रह, नौ ग्रह
भारत भारती मार्गत्रिदेवी और त्रिदेव, त्रिदेव और त्रिदेवी, देवी और देव, देव और देवी, श्री सरस्वती, श्री लक्ष्मी, श्री पार्वती, श्री इंद्राणी, श्री महेश्वरी, योगेश्वरी, श्री त्रिकाली, श्री सती, शिवानुजा रुद्रानुजा, ब्रह्मानुजा, विष्णुनुजा, इंद्रानुजा, राज योग, भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग, योगमार्ग, योग माता, योग दिव्यता, गुरुमाई, योगकारिणी
भारत भारती मार्गअतिमानव, पञ्च महामानव, पञ्च कृत्य, पञ्च देव, उत्पत्ति कृत्य, स्थिति कृत्य, संहार कृत्य, निग्रह कृत्य, तिरोधान कृत्य, अनुग्रह कृत्य, सर्ग कृत्य, सृष्टि कृत्य, लय कृत्य, उत्पत्ति स्थिति संहार निग्रह अनुग्रह, ब्रह्मा विष्णु रुद्र देवी गणेश, ब्रह्मा विष्णु महेश, गणपति
भारत भारती मार्गअष्टमुखी पशुपतिनाथ, सदाशिव प्रदक्षिणा, सदाशिव परिक्रमा, अष्टमुखी सदाशिव, अष्टमुखा सदाशिव, शिवलिंग प्रदक्षिणा, शिवलिंग परिक्रमा, अष्ट पाश, अष्टमुखा पशुपतिनाथ, चतुष्पाद सदाशिव प्रदक्षिणा, चतुष्पाद सदाशिव परिक्रमा, निराकार सदाशिव प्रदक्षिणा, निराकार सदाशिव परिक्रमा, अष्टपाद सदाशिव प्रदक्षिणा, अष्टपाद सदाशिव परिक्रमा
भारत भारती मार्गमहाब्रह्माण्ड, भारत ही महा ब्रह्माण्ड, वैदिक भारत, महाकारण जगत, महाकारण लोक, महाकारण, वैदिक राष्ट्र, भारत ब्रह्मा, ब्रह्मा भारत, ब्रह्मा भरत, ब्रह्म ही ब्रह्माण्ड, ब्रह्माण्ड लिंग, महाब्रह्माण्ड लिंग, माँ भारती, भारती सरस्वती, भारती विद्या, तत् त्वम् हिरण्यगर्भा:, अहम् हिरण्यगर्भासमि, प्रज्ञानं हिरण्यगर्भा:, अयमात्मा हिरण्यगर्भा:
भारत भारती मार्गवैदिक महावाक्य, महावाक्य, सोऽहं, सोऽहं हंस, सोऽहं हंस:, अहम् ब्रह्मास्मि, तत् त्वम् असि, अयमात्मा ब्रह्म, प्रज्ञानं ब्रह्म, सत्यम् ज्ञानम् अनंतम् ब्रह्म, सर्वं खल्विदं ब्रह्म, यद् पिण्डे तद् ब्रह्माण्डे, यद् ब्रह्माण्डे तद् पिण्डे, स्व:वाणी
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गभगवान हरिहर, महामृत्युञ्जय मंत्र, नाभि लिंग, परा प्रकृति लिंग, आदिशक्ति लिंग, शिखर लिंग, हरिहर लिंग, विष्णु ही शिव, शिव ही विष्णु, हरि ही हर, हर ही हरि, लिंग का अर्थ, शिवत्व ही विष्णुत्व, विष्णुत्व ही शिवत्व
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गभगवान् राम, राम नाद, शिव तारक मंत्र, राम का शब्द, योग मार्ग के राम, शिव का तारक मंत्र, यौगिक राम, योग काशी, योगमार्ग की काशी, योग मार्ग का प्रयागराज, योग प्रयागराज, रकार मार्ग, मोक्ष नाद, मोक्ष का शब्द, सहस्रार चक्र की परिभाषा
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गशिव शक्ति योग, शक्ति शिव योग, शिव ही शक्ति है, शक्ति ही शिव है, पुरुष प्रकृति योग, प्रकृति पुरुष योग, भद्र भद्री योग, भद्री भद्र योग, समंतभद्र समंतभद्री योग, मनोमय कोष प्राणमय कोष योग, रामयान, तारकयान
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गविष्णुत्व, अर्द्धनारी, अर्द्धनारीश्वर, अर्धनारी, अर्धनारीश्वर, सगुण आत्मा, विष्णु स्वरूप, अर्द्धनारी योग, अर्द्धनारीश्वर योग, श्री विष्णु, नैन कमल में अर्द्धनारी, सहस्रार में अर्द्धनारी, अर्द्धनारी शरीर, अर्द्धनारीश्वर शरीर, गौरीशंकर, उमा महेश्वर, उमाशंकर
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गयोग अश्वमेध, आंतरिक अश्वमेध, वज्रदण्ड, निरालम्बस्थान, निरालम्ब चक्र, ब्रह्म चक्र, निराधार चक्र, निराधारस्थान, अष्टम चक्र, वज्रदण्ड चक्र, त्रिशंकु, अष्टवसु सिद्धि, द्वादश आदित्य सिद्धि, एकादश रुद्र सिद्धि, इंद्र सिद्धि, प्रजापति सिद्धि
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गअथर्ववेद 10.2.31, हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी योग, बुद्धत्व, बुद्धता, बुद्ध, ब्रह्माणी सरस्वती, ब्रह्माणी विद्या, ब्रह्माणी विद्या सरस्वती, रामलला, आत्मा राम, खकार, डकार, हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी शरीर, हिरण्यगर्भ शरीर, ब्रह्माणी शरीर, स्वर्णिम आत्मा, हिरण्यमय आत्मा, मस्तिष्क में ब्रह्म, ब्रह्मरंध्र में ब्रह्म, सहस्रार में ब्रह्म
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गवासुकी नाग, श्श्श नाद, नागराज, नाग सम्राट, शिव के कण्ठ् का नाग, सर्पराज, योग वासुकी, योग आदिशेष, शिव पंचाक्षर मंत्र, शिव षडक्षर मंत्र, शिव अष्टाक्षर मंत्र, ॐ नमः शिवाय, शिव षडक्षर स्तोत्रम्, क्षीर सागर, अत्यन्तिकाप्रलय, ब्रह्माण्ड प्रदक्षिणा, ब्रह्माण्ड परिक्रमा
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गमंदिर कलश, गरुड, खड्ग, त्रिशूल, विष्णु लिंग, अमृत कलश, ब्रह्मदण्ड, त्रिदण्ड, धर्मदण्ड, देवदण्ड, नंदका, रत्न मारू, सुमेरु, खण्डा, उडुम्बरा, चक्रधर, पुष्पक विमान, महासिद्ध, देवदत्त अश्व, माथे का सर्प, विराट कृष्ण, वज्रास्त्र, भारत की सौ नदीयाँ, सौ बुद्ध, फ़रवहर, मूषक, मयूर, हंस, तैंतीस कोटि देवता,
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गसमाधि, शून्य, शून्य ब्रह्म, शून्यता, शून्य अनंत, अनंत शून्य, मूल प्रकृति, बिंदु शून्य, जड़ समाधि, ब्रह्माण्डीय ऊर्जा, महातम्, महातमस, शून्य समाधि, असंप्रज्ञात समाधि, निर्बीज समाधि, महाशून्य, निर्विकल्प समाधि, निर्विकल्प ब्रह्म, निर्बीज ब्रह्म, संप्रज्ञात समाधि
हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गहिरण्यगर्भात्मक लिंग चतुष्टय, चतुर्लिंगात्मक हिरण्यगर्भ, हिरण्यगर्भात्मक चतुर्लिंग, तारक लिंग, खखोल्क लिंग, महाकालेश्वर, हृदय लिंग, आकाश लिंग, कुण्डलिनी लिंग, मूल लिंग, आधार लिंग, पाताल लिंग, शंख, गदा, कमल, अरुण स्तम्भ, गरुड़ स्तम्भ, खखोलक मंत्र, शब्द ब्रह्म, लघु ब्रह्मास्त्र, निर्वाणधातु
ओ३म् सावित्री मार्गॐ क्या है, ॐ के भाग, ॐ ब्रह्म है, ॐ महामंत्र है, ॐ साक्षात्कार, ब्रह्म का लिपिलिंग, ब्रह्म का शब्द्लिंग
ओ३म् सावित्री मार्गअकार, सावित्री सरस्वती, ॐ का प्रथम बीज, माँ सावित्री सरस्वती विद्या, सावित्री विद्या सरस्वती, बुद्ध प्रज्ञापारमिता, विराट, विश्व, अग्नि