हिरण्यगर्भ ब्रह्माणी मार्गहिरण्यगर्भात्मक लिंग चतुष्टय, चतुर्लिंगात्मक हिरण्यगर्भ, हिरण्यगर्भात्मक चतुर्लिंग, तारक लिंग, खखोल्क लिंग, महाकालेश्वर, हृदय लिंग, आकाश लिंग, कुण्डलिनी लिंग, मूल लिंग, आधार लिंग, पाताल लिंग, शंख, गदा, कमल, अरुण स्तम्भ, गरुड़ स्तम्भ, खखोलक मंत्र, शब्द ब्रह्म, लघु ब्रह्मास्त्र, निर्वाणधातु
ओ३म् सावित्री मार्गमकार और माँ सावित्री, ओ३म् का तीसरा बीज, त्रिदेव, त्रिदेवी, हरिहरब्रह्मा, शुद्ध चेतन तत्त्व, ब्रह्मतत्त्व, ॐ तत् सत्, ॐ तत्सत, ईश्वर, आदित्य, प्राज्ञ, सगुण शिव, ब्रह्मनाद, प्रणव, भ्रामरी